NOT KNOWN FACTS ABOUT HANUMAN CHALISA

Not known Facts About hanuman chalisa

Not known Facts About hanuman chalisa

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अस कहि श्रीपति कण्ठ लगावैं ॥१३॥ सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा ।

kumatiKumatiIgnorance / bad intellect nivāra NivāraPurify / cleanse sumatiSumatiWise / good intelligence keKeOf sangīSangīCompanion / Mate Indicating: Oh wonderful hero with valiant human body as potent as Indra’s Vajra (Thunderbolt/weapon), the remover of terrible intellect or ignorance or evil feelings, oh the companion of The great.

है परसिद्ध जगत उजियारा ॥२९॥ साधु सन्त के तुम रखवारे ।

श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि।

tumaTumaYou rakshakaRakshakaProtect kāhūKāhūWhy? or of whom daranāDaranāBe afraid Indicating: Using refuge in you a person finds all pleasure and joy; you’re the protector, why be feared?.

भावार्थ – हे पवनसुत श्री हनुमान जी! आप सारे संकटों को दूर करने वाले हैं तथा साक्षात् कल्याण की मूर्ति हैं। आप भगवान् श्री रामचन्द्र जी, लक्ष्मण जी और माता सीता जी के साथ मेरे हृदय में निवास कीजिये।

भावार्थ – हे महावीर! आप वज्र के समान अंगवाले और अनन्त पराक्रमी हैं। आप कुमति (दुर्बुद्धि) का निवारण करने वाले हैं तथा सद्बुद्धि धारण करने वालों के संगी (साथी, सहायक) हैं।

सांवली सूरत पे मोहन, दिल दीवाना हो गया - भजन

व्याख्या – श्री हनुमान चालीसा के पाठ की फलश्रुति इस तथा अगली चौपाई में बतलायी here गयी है। संसार में किसी प्रकार के बन्धन से मुक्त होने के लिये प्रतिदिन सौ पाठ तथा दशांशरूप में ग्यारह पाठ, इस प्रकार एक सौ ग्यारह पाठ करना चाहिये। इससे व्यक्ति राघवेन्द्र प्रभु के सामीप्य का लाभ उठाकर अनन्त सुख प्राप्त करता है।

bhūtaBhūtaEvil spirits / ghosts pishāchaPishāchaDemons nikataNikataClose / in the vicinity of nahiNahiNot āvaiĀvaiCome

भावार्थ – भगवान् श्री राघवेन्द्र ने आपकी बड़ी प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि तुम भाई भरत के समान ही मेरे प्रिय हो ।

Hanuman Chaleesa is usually a devotional music committed to Lord Hanuman. It can be recited for getting clear and focused mind with full of energy and focus.

“He whoever recites this a hundred occasions, his chains of Bondage will likely be Lower, Wonderful pleasure might be his.”

O Hanuman! All conditions and all types of soreness get eradicated when a single recites or chants Your name. As a result, chanting Your title regularly is regarded as very considerable.

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